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कन्हैया कुमार: देशद्रोही विचारधारा और राजनीतिक मंच !




कन्हैया कुमार, जेएनयू का वह नाम, जो देशद्रोही विचारधारा के कारण से चर्चा में रहता है। जेएनयू में देश के टुकड़े करने के नारे लगाते हुए, उन्होंने युवा पीढ़ी को भड़काने का कार्य किया है। "भारत तेरे टुकड़े होंगे" जैसे नारों के साथ, कन्हैया ने एक नए विवाद को जन्म दिया। अफजल गुरु की फांसी के विरोध में उन्होंने और उनके साथियों ने "अफजल हम शर्मिंदा हैं, तेरे कातिल ज़िंदा हैं" जैसे देशविरोधी नारे लगाए, जिससे राष्ट्र की भावनाएं आहत हुईं।


कन्हैया कुमार का राजनीतिक उदय


ऐसी विवादित विचारधारा वाले व्यक्ति को देश की सबसे पुरानी पार्टी ने टिकट देकर चुनाव लड़ने का मौका दिया। सवाल उठता है कि क्या ऐसे व्यक्तियों को राजनीतिक मंच प्रदान करना सही है, जो अपने ही देश के टुकड़े करना चाहते हैं? यदि इन्हें सत्ता में कोई महत्वपूर्ण पद मिल जाता है, तो क्या ये देश में शांति और स्थिरता बनाए रख पाएंगे या देश में अराजकता और दंगों को बढ़ावा देंगे?


क्या कन्हैया कुमार देश के लिए सही नेता हैं?


देश की सुरक्षा और अखंडता के मद्देनजर, यह आवश्यक है कि हम ऐसे नेताओं का चयन करें, जो राष्ट्र हित और देश की अखंडता को सर्वोपरि मानते हों। कन्हैया कुमार का इतिहास और उनके विचार हमें सोचने पर मजबूर करते हैं कि क्या ऐसे लोग हमारे देश के नेतृत्व के योग्य हैं?


देशभक्त और राष्ट्रवादी नेताओं का चयन


हमारे देश की लोकतांत्रिक व्यवस्था हमें यह अधिकार देती है कि हम अपने नेताओं का चुनाव सोच-समझकर कर सकें। ऐसे में यह हमारी जिम्मेदारी है कि हम उन नेताओं को चुनें, जो न केवल हमारे हित में कार्य करें, बल्कि देश की एकता और अखंडता को भी बनाए रखें। 


कन्हैया कुमार का समर्थन और विरोध


कन्हैया कुमार का समर्थन करने वालों का मानना है कि वे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के पक्षधर हैं और उन्होंने केवल अपने विचार व्यक्त किए हैं। वहीं, विरोधियों का कहना है कि देशविरोधी नारों और गतिविधियों को किसी भी सूरत में स्वीकार नहीं किया जा सकता। 


निष्कर्ष


देश के युवाओं और नागरिकों से अपील है कि वे ऐसे नेताओं का चयन करें, जो राष्ट्रहित और समाजहित को सर्वोपरि मानते हों। कन्हैया कुमार जैसे विवादित विचारधारा वाले व्यक्तियों को राजनीतिक मंच प्रदान करना देश की सुरक्षा और अखंडता के लिए खतरा हो सकता है। इसलिए, सोच-समझकर और जिम्मेदारी से अपने मताधिकार का प्रयोग करें, ताकि देश का भविष्य सुरक्षित और समृद्ध हो सके।


इस समय हमें विचारशील और देशभक्त नेताओं की आवश्यकता है, जो देश को विकास की राह पर ले जा सकें और समाज में शांति और सौहार्द्र बनाए रखें। इसलिए, अपनी वोट की ताकत को पहचानें और सही नेता का चुनाव करें।




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