आज के समय में इंटरनेट और सोशल मीडिया ने हमारे जीवन को पूरी तरह से बदल दिया है। खासकर युवाओं पर इसका प्रभाव काफी गहरा है। शुरुआत में युवाओं को फ्री इंटरनेट देकर उनकी सुविधा को बढ़ावा दिया गया, लेकिन इसके पीछे एक गहरी चाल छिपी थी।
फ्री इंटरनेट का जाल
युवाओं को शुरुआत में फ्री इंटरनेट दिया गया ताकि वे इसकी आदत डाल लें। धीरे-धीरे इंटरनेट की लत एक नशे की तरह लग जाती है। इंटरनेट का नशा शराब या सिगरेट से कम खतरनाक नहीं है। एक बार जब सारे युवाओं को फ्री इंटरनेट की लत लग गई, तो इंटरनेट कंपनियों ने अपने रिचार्ज की कीमतें इतनी बढ़ा दीं कि आम आदमी के लिए उसे खरीदना मुश्किल हो गया। पहले जो चीज मुफ्त में मिल रही थी, आज उसे पाने के लिए भारी रकम चुकानी पड़ती है।
रील्स का खुमार
आज हर युवा सोशल मीडिया पर रील्स बनाने में व्यस्त है। रील्स और शॉर्ट वीडियो का क्रेज इस कदर बढ़ गया है कि आज का युवा असल दुनिया से कटता जा रहा है। खाने को आटा मिले या न मिले, लेकिन डाटा बंद नहीं होना चाहिए। यही आज का ट्रेंड बन गया है। युवाओं की सोच और समझ इंटरनेट के सीमित दायरे में सिमट गई है। वे इस वर्चुअल दुनिया में इतने खो गए हैं कि उन्हें अपने आसपास की वास्तविक दुनिया की कोई परवाह नहीं रह गई है।
सरकार की चाल
सरकार भी चाहती है कि युवा अपनी वर्चुअल दुनिया में ही खुश रहें। इसका फायदा सरकार को यह होता है कि युवा सरकार से सवाल नहीं पूछते, न ही वे सरकारी नीतियों की आलोचना करते हैं। सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वाले युवा अब इंटरनेट की लत में खो गए हैं।
नौकरियों का निजीकरण
सरकारी नौकरियों की बात करें, तो आज की तारीख में बहुत कम युवा सरकारी नौकरी के बारे में सोचते हैं। हर जगह निजीकरण हो रहा है। सरकारी नौकरियों की संख्या दिन-ब-दिन घटती जा रही है। जो भी नौकरियां हैं, उनमें से भी कई नौकरियों पर AI ने कब्जा कर लिया है।
AI का बढ़ता प्रभाव
AI (कृत्रिम बुद्धिमत्ता) ने कई नौकरियों को खत्म कर दिया है। पहले जहां इंसान काम करता था, वहां अब मशीनें और रोबोट काम करते हैं। इसका सीधा असर रोजगार पर पड़ा है। नौकरियों के अवसर कम होते जा रहे हैं और युवाओं के लिए रोजगार की समस्या बढ़ती जा रही है।
निष्कर्ष
समय रहते युवाओं को इस जाल से बाहर निकलना होगा। उन्हें असल दुनिया में वापस आकर अपने अधिकारों के लिए लड़ना होगा। फ्री इंटरनेट का लालच देकर उन्हें बेवकूफ बनाया जा रहा है। इंटरनेट का सही उपयोग करना सीखना होगा और अपनी ऊर्जा को सही दिशा में लगाना होगा। तभी हम एक बेहतर समाज की ओर बढ़ सकते हैं।