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RBI-BANK-GOVT OF INDIA आर्थिक संकट में फंसे गरीबों के लिए बैंकों की मददगार योजना !



आर्थिक संकट में फंसे गरीबों के लिए बैंकों की मददगार योजना आर्थिक संकट में फंसे गरीबों के लिए बैंकों की मददगार योजना

आर्थिक संकट में फंसे गरीबों के लिए बैंकों की मददगार योजना

भारत में लाखों लोग आज कर्ज के जाल में फंसे हुए हैं। इनमें से अधिकांश लोग गरीब और निम्न-मध्यम वर्ग से आते हैं, जिनकी आय का बड़ा हिस्सा लोन चुकाने में चला जाता है। वर्तमान में बैंकों के एनपीए (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट्स) का बड़ा हिस्सा ऐसे कर्जदारों का है, जो समय पर लोन की किस्त नहीं चुका पा रहे हैं। इस स्थिति से न केवल गरीब व्यक्ति का जीवन प्रभावित होता है, बल्कि बैंक का भी भारी नुकसान होता है।

योजना का प्रस्ताव

इस योजना के अनुसार, बैंकों को उन कर्जदारों से एक समझौता करना चाहिए, जिनका लोन एनपीए में बदल चुका है या जो कर्ज के कारण आर्थिक संकट में हैं। बैंकों को ऐसे कर्जदारों से कहना चाहिए कि जितना पैसा वे वापस करेंगे, उसके बदले में उन्हें एक क्रेडिट कार्ड दिया जाएगा। इस क्रेडिट कार्ड की लिमिट उतनी होगी, जितनी रकम कर्जदार ने बैंक को वापस की होगी।

इस योजना के लाभ:

  • बैंकों का एनपीए घटेगा: जो पैसा अभी तक कर्जदार वापस नहीं कर पा रहे थे, वे धीरे-धीरे लोन चुकाने के लिए प्रेरित होंगे। इससे बैंक की एनपीए राशि में कमी आएगी, जो बैंकों के लिए राहत की बात होगी।
  • गरीबों को राहत मिलेगी: लोन चुकाने के बाद उन्हें एक क्रेडिट कार्ड की सुविधा मिलेगी, जिसका उपयोग वे अपनी जरूरतों को पूरा करने के लिए कर सकेंगे।
  • सिबिल स्कोर में सुधार: जब कर्जदार लोन की राशि चुकाएंगे, तो उनका सिबिल स्कोर सुधरेगा। इससे वे भविष्य में अन्य बैंकों से भी लोन ले सकेंगे।
  • ब्याज दर का संकट हल होगा: छोटे NBFC बहुत ऊंची ब्याज दर पर लोन देते हैं, जिससे गरीब लोग और ज्यादा दबाव में आ जाते हैं। इस योजना से उन्हें राहत मिलेगी।
  • व्यवसाय की संभावनाएँ: अगर गरीबों को सही समय पर और सही शर्तों पर कर्ज मिलता है, तो वे छोटे व्यवसाय शुरू कर सकते हैं।

समस्या की जड़

भारत में एक बड़ी समस्या यह है कि गरीबों को सही वित्तीय शिक्षा और मार्गदर्शन नहीं मिलता है। सरकार की ओर से कई लोन स्कीमें शुरू की जाती हैं, लेकिन गरीब तबके के लोग उन योजनाओं का सही तरीके से फायदा नहीं उठा पाते। अधिकतर मामलों में बड़े उद्योगपति ही उन योजनाओं का लाभ उठाते हैं।

कर्जदारों के लिए विशेष योजना

इस योजना के तहत, बैंकों को निम्नलिखित कदम उठाने चाहिए:

  • कर्ज पुनर्गठन योजना: बैंक उन कर्जदारों को छूट दे सकते हैं, जो समय पर किस्त नहीं चुका पा रहे हैं। इसके तहत, कर्ज की रकम का एक हिस्सा माफ किया जा सकता है।
  • कर्ज वापसी पर क्रेडिट कार्ड: कर्ज की राशि जितनी वापसी की जाएगी, बैंक उस राशि के बराबर एक क्रेडिट कार्ड की सुविधा देंगे।
  • कम ब्याज दर पर लोन: गरीबों को ऊंची ब्याज दर से बचाने के लिए, सरकार और बैंक मिलकर कम ब्याज दर पर लोन की सुविधा प्रदान कर सकते हैं।
  • वित्तीय शिक्षा और जागरूकता: गरीबों को सही वित्तीय मार्गदर्शन और योजनाओं की जानकारी देना आवश्यक है। इसके लिए विशेष कार्यक्रम आयोजित किए जा सकते हैं।

वर्तमान स्थिति

वर्तमान में, गरीबों को छोटे NBFC से लोन लेना पड़ता है, जो ऊंची ब्याज दर पर लोन देते हैं। इस प्रकार के लोन से लोग और अधिक आर्थिक संकट में फंस जाते हैं। बड़े बैंकों से लोन लेना भी मुश्किल होता है, क्योंकि उनके सिबिल स्कोर खराब होते हैं।

समाधान की ओर एक कदम

इस स्थिति से बाहर निकलने के लिए, बैंकों को जिम्मेदार भूमिका निभानी होगी। अगर वे इस योजना को लागू करते हैं, तो न केवल बैंकों का एनपीए घटेगा, बल्कि गरीब लोग भी कर्ज के जाल से बाहर निकल सकेंगे।

निष्कर्ष

अगर बैंकों द्वारा इस योजना को लागू किया जाता है, तो इसका व्यापक और सकारात्मक प्रभाव होगा। न केवल गरीब व्यक्ति कर्ज के बोझ से मुक्त होंगे, बल्कि बैंक भी अपने एनपीए में कमी देखेंगे। बैंकों को इस प्रकार की योजनाओं पर गंभीरता से विचार करना चाहिए, जिससे देश के गरीब लोगों को एक नया जीवन मिल सके और बैंकों का पैसा भी सुरक्षित हो सके।

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