वक्फ संशोधन विधेयक 2025
भारतीय संसद ने हाल ही में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2025 पारित किया है, जिससे वक्फ बोर्डों और उनकी संपत्तियों के प्रबंधन में महत्वपूर्ण बदलाव हुए हैं।
विधेयक के प्रमुख बिंदु:
- दानकर्ताओं की पात्रता: केवल वे व्यक्ति जो पिछले 5 वर्षों से इस्लाम धर्म का पालन कर रहे हैं और संपत्ति के पूर्ण स्वामी हैं, वक्फ के लिए दान कर सकते हैं।
- परिवार के सदस्यों का अधिकार: वक्फ घोषित करने से पहले, दानकर्ता को अपने परिवार की महिलाओं, विधवाओं, बेटियों, बहनों, और अनाथों को उनका कानूनी अधिकार देना अनिवार्य होगा।
- आदिवासी भूमि की सुरक्षा: आदिवासी क्षेत्रों में स्थित भूमि को वक्फ संपत्ति के रूप में दान नहीं किया जा सकेगा, जिससे इन समुदायों की भूमि की सुरक्षा सुनिश्चित होगी।
- वक्फ बोर्ड की शक्तियों में संशोधन: वक्फ बोर्डों की संपत्तियों को वक्फ घोषित करने की एकतरफा शक्ति अब सीमित कर दी गई है, जिससे पारदर्शिता और जवाबदेही बढ़ेगी।
संसद में विधेयक का पारित होना:
लोकसभा में विस्तृत चर्चा के बाद, विधेयक को 288 सांसदों के समर्थन और 232 के विरोध के साथ पारित किया गया। राज्यसभा में भी 128 वोटों के समर्थन और 95 के विरोध के साथ यह विधेयक पारित हुआ।
विरोध और समर्थन:
विधेयक के पारित होने के बाद, कुछ विपक्षी दलों और संगठनों ने इसका विरोध किया है। AIMIM सांसद असदुद्दीन ओवैसी और कांग्रेस सांसद मोहम्मद जावेद ने इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की है।
राज्य सरकारों की प्रतिक्रियाएं:
उत्तर प्रदेश सरकार ने वक्फ बोर्ड से संबंधित संपत्तियों की समीक्षा और आवश्यक कार्रवाई करने का निर्णय लिया है।