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Ideals in Ramayana and their Contrast in Today's Society:-रामायण में आदर्श और आज के समाज में अंतर



रामायण में आदर्श और आज के समाज में अंतर रामायण में आदर्श और आज के समाज में अंतर

रामायण में परिवार, प्रजा, बड़ों का आदर, उनकी आज्ञा का पालन, भाई से प्रेम और यदि कोई आपके परिवार पर आक्रमण करे तो उसकी रक्षा करना परम कर्तव्य है।

पहले शत्रु को समझाओ, यदि वह फिर भी न माने तो शस्त्र उठाओ। कमजोर को मत सताओ।

Motivation:

रामायण भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों का अद्भुत उदाहरण है, जिसमें आदर्श परिवार, राजा, और प्रजा के संबंधों का गहन चित्रण किया गया है। इसमें बताया गया है कि परिवार का सम्मान और अपने कर्तव्यों का पालन किसी भी समाज की आधारशिला होती है। रामायण सिखाती है कि बड़ों का आदर करना और उनकी आज्ञा का पालन करना एक धर्म है। यह जिम्मेदारी हमें सही मार्ग पर चलने और जीवन में अनुशासन बनाए रखने की प्रेरणा देती है।

भाई के प्रति प्रेम और सम्मान रामायण का एक अन्य प्रमुख संदेश है। राम और लक्ष्मण के रिश्ते में यह स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। चाहे वनवास हो या युद्ध, दोनों भाई एक-दूसरे के प्रति अपने दायित्वों को निभाते हैं। यह बताता है कि परिवार और भाई-बहन के बीच का प्रेम और एकता कठिन समय में भी हमें संबल प्रदान करता है।

रामायण हमें यह भी सिखाती है कि यदि कोई आपके परिवार पर आक्रमण करता है या उन्हें हानि पहुँचाने का प्रयास करता है, तो उनकी रक्षा करना आपका परम कर्तव्य है। इस विचार को भगवान राम ने रावण के साथ युद्ध करके सिद्ध किया। लेकिन इसके साथ यह भी महत्वपूर्ण है कि पहले शत्रु को समझाया जाए और उसे सही मार्ग पर लाने की कोशिश की जाए। यह अहिंसा और शांति की हमारी संस्कृति के मूल सिद्धांतों को उजागर करता है।

हालांकि, अगर शत्रु आपकी बात न माने और आपके परिवार या समाज पर आक्रमण जारी रखे, तो शस्त्र उठाना और अपने अधिकारों की रक्षा करना भी धर्म है। यह दिखाता है कि सत्य और न्याय की रक्षा के लिए हम कठोर निर्णय लेने से भी नहीं हिचकते।

अंत में, रामायण सिखाती है कि कमजोरों को सताना पाप है। जो व्यक्ति या समाज कमजोर है, उसकी मदद करना हमारा दायित्व है, न कि उसका शोषण करना। रामायण के आदर्श हमें न केवल अपने परिवार के प्रति, बल्कि पूरे समाज और दुनिया के प्रति अपने दायित्वों का एहसास कराते हैं।

इस प्रकार, रामायण का यह संदेश आज के समय में भी उतना ही प्रासंगिक है, जितना तब था, जब यह लिखी गई थी। परिवार, समाज, प्रेम, कर्तव्य, और न्याय के ये सिद्धांत हमें सशक्त और संस्कारी बनाते हैं।

रामायण में आदर्श और आज के समाज में अंतर

रामायण के आदर्श

रामायण भारतीय संस्कृति और जीवन मूल्यों का आदर्श ग्रंथ है। इसमें परिवार, समाज और व्यक्तिगत कर्तव्यों का उच्च मानक स्थापित किया गया है। इसका मुख्य संदेश है कि परिवार और समाज में बड़ों का आदर करना, भाई-बहनों से प्रेम करना, और संकट में परिवार की रक्षा करना हमारा परम कर्तव्य है। इसके अलावा, अगर कोई शत्रु आपके परिवार या समाज पर आक्रमण करे, तो पहले उसे समझाने का प्रयास करना चाहिए। अगर वह नहीं मानता, तो शस्त्र उठाने की अनुमति दी गई है। साथ ही, कमजोरों पर अत्याचार न करने की सीख भी इसमें दी गई है।

रामायण के प्रमुख आदर्श इस प्रकार हैं:

  • परिवार और प्रजा की रक्षा करना।
  • बड़ों का आदर और उनकी आज्ञा का पालन।
  • भाई-बहनों के प्रति प्रेम और सहयोग।
  • शत्रु को पहले समझाने का प्रयास और फिर भी न मानने पर शस्त्र उठाने का अधिकार।
  • कमजोरों का शोषण न करना, बल्कि उनकी रक्षा करना।

आज के समाज में क्या विपरीत हो रहा है?

आज के समाज में रामायण के आदर्शों के विपरीत कई बातें देखने को मिल रही हैं। पारिवारिक संबंधों, सामाजिक दायित्वों और नैतिक मूल्यों में कमी आ रही है। आइए देखें, आज के समय में किस तरह इन आदर्शों का उल्लंघन हो रहा है:

  • परिवार में विभाजन: आज परिवारों में अक्सर मतभेद और दूरी देखी जा रही है। भाई-भाई के बीच संपत्ति विवाद और स्वार्थ की भावना हावी होती जा रही है।
  • बड़ों का सम्मान घट रहा है: रामायण में बड़ों का आदर और उनकी आज्ञा का पालन अनिवार्य था, परंतु आज के समाज में बड़ों की सलाह को कम महत्व दिया जा रहा है।
  • हिंसा और असहिष्णुता: रामायण में कहा गया है कि पहले शत्रु को समझाओ, लेकिन आज समाज में लोग बिना किसी संवाद के हिंसा का सहारा ले रहे हैं।
  • शोषण और अत्याचार: आज समाज में कमजोरों का शोषण बढ़ता जा रहा है, जबकि रामायण सिखाती है कि कमजोरों की रक्षा करनी चाहिए।
  • नैतिकता की कमी: जहाँ रामायण सत्य और न्याय की रक्षा पर जोर देती है, आज के समय में भ्रष्टाचार, अन्याय और बेईमानी की घटनाएँ आम हो गई हैं।

रामायण के ये आदर्श आज भी हमारे लिए प्रासंगिक हैं, और अगर हम इन्हें अपनाएँ तो समाज में शांति और सामंजस्य स्थापित कर सकते हैं।

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