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Israel-Hezbollah conflict: Security crisis in Gaza and Lebanon | इजराइल-हिजबुल्लाह संघर्ष: गाजा और लेबनान में सुरक्षा संकट



इज़राइल-हिज़बुल्लाह संघर्ष: गाज़ा और लेबनान में सुरक्षा संकट इज़राइल-हिज़बुल्लाह संघर्ष: गाज़ा और लेबनान में सुरक्षा संकट

इज़राइल-हिज़बुल्लाह संघर्ष: गाज़ा और लेबनान में सुरक्षा संकट

परिचय: सितंबर 2024 में इज़राइल और उसके पड़ोसी क्षेत्रों में संघर्ष की स्थिति गंभीर हो गई है। गाज़ा में हमास और लेबनान में हिज़बुल्लाह के बीच तनाव बढ़ रहा है, और दोनों ओर मानवीय संकट गहराता जा रहा है।

गाज़ा में हमास पर हमले

इज़राइली रक्षा बल (IDF) ने गाज़ा में हमास के सैन्य ठिकानों पर हवाई हमले किए। यह ठिकाने हथियार निर्माण और अन्य सैन्य गतिविधियों के लिए इस्तेमाल हो रहे थे। हालांकि, हमले के आसपास नागरिक सुविधाओं के होने से स्थिति और संवेदनशील हो गई है।

इज़राइली सेना ने कहा कि सटीक हथियारों का उपयोग कर नागरिकों को नुकसान से बचाने की कोशिश की गई। वहीं, गाज़ा की स्वास्थ्य व्यवस्था ने 10 साल से कम उम्र के 87% बच्चों को पोलियो के टीके लगाने का दावा किया है।

हिज़बुल्लाह के साथ बढ़ते तनाव

इज़राइल के उत्तरी हिस्से में हिज़बुल्लाह के हमलों से स्थिति और बिगड़ गई है। हिज़बुल्लाह ने पहले हमास का समर्थन किया था, लेकिन अब यह संघर्ष इज़राइल के खिलाफ अस्तित्व की लड़ाई में बदल गया है। इज़राइल ने अपनी सैन्य तैयारी उत्तरी सीमाओं पर केंद्रित की है, जहां हिज़बुल्लाह के रॉकेट हमले जारी हैं।

इज़राइल की 179वीं आर्मर्ड ब्रिगेड लेबनान में जमीनी अभियानों के लिए तैयार की जा रही है। यह बड़ी घटना के लिए इज़राइली सेना की प्रमुख तैयारी का हिस्सा है।

इज़राइल की रणनीतिक चुनौतियाँ

इज़राइल दक्षिण में हमास और उत्तर में हिज़बुल्लाह से लड़ रहा है। दोनों मोर्चों पर इज़राइल को कड़ी चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। इज़राइल की कोशिश है कि आतंकवादी ठिकानों को नष्ट किया जाए, लेकिन इस दौरान नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी बड़ी चुनौती है।

मानवीय संकट और भविष्य की दिशा

गाज़ा और लेबनान दोनों क्षेत्रों में मानवीय संकट तेजी से बढ़ रहा है। गाज़ा में जहां विस्थापन और स्वास्थ्य सेवाओं की कमी है, वहीं लेबनान के नागरिक भी इज़राइल के हमलों से प्रभावित हो रहे हैं। यदि यह संघर्ष जारी रहा, तो इसका असर क्षेत्रीय स्थिरता पर पड़ेगा।

संघर्ष की स्थिति और गंभीर हो सकती है, खासकर यदि हिज़बुल्लाह और इज़राइल के बीच तनाव और बढ़ता है।

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